आईसीएमआर और आरएमआरसी मिलकर करेंगे शोध

गोरखपुर। इंडियन मेडिकल रिसर्च सेंटर (आईसीएमआर) की देखरेख में रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) के विशेषज्ञ कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को बेअसर करने और मौजूदा वैक्सीन का इस वैरिएंट पर प्रभाव जानने के लिए शोध करेंगे। इस वैरिएंट की जानकारी के लिए आरएमआरसी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी, पुणे (एनआईबी) को नमूने भी भेजे हैं। जानकारी के मुताबिक देश के चार राज्यों महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साथ ही इस वैरिएंट से मरीजों की मौत भी हो रही है। विशेषज्ञ अब तक का इसे सबसे खतरनाक वैरिएंट भी मान रहे हैं। इसकी वजह से सरकार और विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। इस पर आईसीएमआर ने शोध का फैसला लिया है। आईसीएमआर के प्लानिंग कोर्डिनेटर और आरएमआरसी के निदेशक डॉ रजनीकांत ने बताया कि इस वैरिएंट पर शोध किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि आरएमआरसी ने जीनोम सीक्वेसिंग की जांच के लिए एनआईवी पुणे सैंपल भेज चुका है। अब तक रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद शोध शुरू किए जाएंगे।

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