वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के गंगा समग्र की शनिवार को शुरू दो दिनी केंद्रीय बैठक में निर्मल और अविरल गंगा अभियान पर मंथन हुआ। गंगा समग्र की ओर से इसके लिए बड़े अभियान का खाका तैयार किया गया। सह सरकार्यवाह डॉ.कृष्ण गोपाल की मौजूदगी में गंगा दशहरा के दिन रविवार को अभियान की घोषणा की जाएगी।
सरसंघ चालक मोहन भागवत ने संगम स्नान के दौरान निर्मल गंगा का संकल्प लिया था। बैठक में इस संकल्प को दोहाराया गया और संमग्र गंगा की संकल्पना पर चर्चा हुई। पिछले दिनों गंगा में प्रदूषण तथा नदी के किनारे शवों को दफनाए जाने की परंपरा का मुद्दा प्रमुखता से उठा। झूंसी स्थित गंगा धाम में हो रही बैठक को इस नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक में प्रदूषण के साथ गंगा में वर्ष पर्यंत जल की धारा को बनाए रखने को लेकर भी चिंता दिखी। इसके हर पहलुओं पर चर्चा हुई। बैठक में गंगा से जुड़े आर्थिक पहलुओं तथा किनारे के गांवों के संपूर्ण विकास पर भी चर्चा हुई। इस अभियान में जनसहभागिता बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई। सदस्यों का कहना था कि बिना जनसहभागिता के इस अभियान की सफलता संभव नहीं है। इसलिए इसे जन अभियान बनाने पर भी मंथन हुआ। बैठक में पौधरोपण, जैविक खेती आदि के बारे में भी जानकारी दी गई। अलग-अलग क्षेत्रों से आए पदाधिकारियों ने गंगा पर निर्भर लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए शुरू योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने स्वच्छ एवं निर्मल गंगा के लिए शुरू कार्यक्रम भी साझा किए। सर सहकार्यवाह डॉ.कृष्ण गोपाल एवं आयाम प्रमुख रविवार को बैठक में शामिल होंगे। इससे पहले राष्ट्रीय संयोजक रामाशीष ने देशभर से आए पदाधिकारियों का स्वागत किया तथा परिचय कराया। बैठक में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ललित किशोर, केंद्रीय संगठन सचिव मिथिलेश नारायण आदि मौजूद रहे।