आश्रय केंद्रों को संसाधनों से लैस करने की कवायद हुई तेज

अमेठी। गोवंशों को संरक्षित करने के लिए संचालित वृहद व अस्थाई आश्रय केंद्रों को सुविधा व संसाधन से लैस करने की कवायद जिले में तेज हो गई है। गर्मी में गोवंशों को परेशानी न हो, इसके लिए सीवीओ ने बुधवार को जामो के बधैया कमालपुर गो-आश्रय केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान गो-वंशों के टीकाकरण, भूसा, छांव व पेयजल व्यवस्था समेत अन्य सुविधाओं का सत्यापन किया। निराश्रित गो-वंशों को संरक्षित करने के लिए पशुपालन विभाग तीन कांजी हाउस, नेवादा किशुनगढ़ व सरैया दुबान में वृहद गो-सरंक्षण केंद्र व 40 अस्थाई गो-आश्रय केंद्र का संचालन कर रहा है। संचालित गो-आश्रय केंद्रों पर वर्तमान में पशुपालन विभाग ने 3,628 गोवंशों को संरक्षित कर रखा है। जून में गर्मी के साथ रुक-रुककर हो रही बारिश में संरक्षित गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए सीवीओ डॉ. जेपी सिंह ने बुधवार को पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसके द्विवेदी व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अविनाश पांडेय के साथ जामो के बधैया कमालपुर स्थित वृहद गोआश्रय केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान आश्रय केंद्र पर 27 गोवंश संरक्षित मिले तो निर्देश के अनुसार परिसर के पास सार्वजनिक भूमि पर हरे चारे की बुआई मिली। परिसर की साफ-सफाई व टिनशेड समेत अन्य मिली कमियों से नाराज सीवीओ ने जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई। सीवीओ ने आश्रय केंद्र में मौजूद भूसे का स्टॉक, हरे चारे का प्रबंध, छांव व चूनी-चोकर तथा गोवंशों के टीकाकरण का सत्यापन किया। इसके बाद पशु चिकित्सकों को संरक्षित गोवंशों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण तो पंचायत सचिव को भूसे के स्टॉक के साथ सरकारी भूमि पर बोए गए हरे चारे को सुरक्षित करते हुए गोवंशों को हरा चारा व उनकी सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। सीवीओ ने क्षेत्र में बेसहारा गोवंश को संरक्षित करते हुए परिसर में पौधरोपण व संरक्षित गोवंशों का समुचित भरण-पोषण करने को कहा। सीवीओ ने सुविधा व उपचार के अभाव में संरक्षित गोवंशों की मौत होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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