गोरखपुर। गोरखपुर के गीडा में लगे उद्योगों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को उनके यहां इस्तेमाल होने वाले पानी का पूरा हिसाब देना होगा। कोई भी औद्योगिक इकाई, व्यावसायिक प्रतिष्ठान या डिब्बा बंद पानी की आपूर्ति करने वाली संस्था को खर्च किए गए भूगर्भ जल के हिसाब से कीमत चुकानी पड़ेगी। भूगर्भ जल विभाग ने गीडा के सभी उद्योगों समेत शहर के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को नोटिस देना शुरू कर दिया है। प्रदेश में जलस्तर गिरावट के मद्देनजर सरकार ने भूगर्भ जल अधिनियम को तैयार किया है। इसके तहत भूगर्भ जल का व्यावसायिक इस्तेमाल करने वाले सभी प्रतिष्ठानों या संस्थानों को खपत किए गए भूगर्भ जल के अनुसार वार्षिक भुगतान करना होगा। इसके अलावा सभी प्रतिष्ठानों और संस्थानों को न सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराना होगा, बल्कि विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी लेना होगा। इसके तहत स्कूल, कॉलेज, होटल, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी रजिस्ट्रेशन कराने के अलावा अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। भूगर्भ जल विभाग प्राविधिक सहायक दिनेश अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम के अनुसार सभी वाणिज्यिक, औद्योगिक और सामूहिक भूगर्भ जल उपभोक्ताओं को भूगर्भ जल के इस्तेमाल के लिए भूगर्भ जल विभाग में रजिस्ट्रेशन के लिए पांच हजार रुपये और अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए भी पांच हजार रुपये शुल्क की रसीद कटानी होगी। इसके बाद खपत के हिसाब से वार्षिक शुल्क अदा करना होगा। घरेलू और कृषि भूगर्भ जल उपभोक्ता को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना है। गीडा के उद्यमियों को इस संबंध में नोटिस भेजा जाने लगा है।