वाराणसी। श्रमसाधक कबीर की साधना स्थली पर संतों के संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। कबीरचौरा मठ मूलगादी, कबीर के शिष्यों और सीएसआर फंड के सहयोग से इस अनोखे संग्रहालय को भव्य स्वरूप दिया जाएगा। संग्रहालय में श्रम साधक संतों की झांकी आने वालों को कर्म दर्शन का संदेश देगी। कबीरचौरा मूलगादी मठ के महंत आचार्य विवेकदास ने बताया कि मठ ने भक्ति आंदोलन काल के संतों की श्रमशीलता और साधना को मूर्तिशिल्पों के संग्रहालय में दुनिया के सामने पेश करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। कबीर की हाईटेक झोपड़ी के बगल में कबीरपंथियों के सहयोग से पांच करोड़ की लागत में संतों के संग्रहालय को निर्मित किया जाएगा। संत कबीर, संत रविदास, संत गोरा कुम्हार, संत दरिया साहब, मीराबाई, बाबा कृष्णव्यास, आचार्य सुख साहब, आचार्य हुलस, माधव साहब, संत दादू दयाल, कोकिल साहब आदि से जुड़े प्रतीक और संस्मरण संग्रहालय में होंगे। मुख्य आकर्षण श्रमजीवी संतों के कर्म और श्रम से जुड़े प्रतीक चिन्ह होंगे।