बलरामपुर। कोरोना महामारी के चलते बिना विद्यार्थियों के एक जुलाई से जिले के 1837 परिषदीय स्कूलों के ताले खोले जाएंगे। कोरोना काल में विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ने का अभियान चलाया जाएगा। बच्चों के नामांकन पर भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को फोकस करना होगा। 100 दिन बाद परिषदीय स्कूलों के ताले खुलने पर शिक्षक-शिक्षिकाओं के समक्ष साफ-सफाई कराने की चुनौती होगी। उप शिक्षा निदेशक/डायट प्राचार्य विनय मोहन वन ने वर्चुअल बैठक कर स्कूलों को खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है। बीएसए डॉ. रामचंद्र ने मंगलवार को बताया कि महानिदेशक स्कूल विजय किरन आनंद व उप शिक्षा निदेशक/डायट प्राचार्य ने एक जुलाई से स्कूलों को बगैर छात्र-छात्राओं के खोलने का निर्देश जारी किया गया है। महानिदेशक व उप शिक्षा निदेशक के निर्देश पर स्कूलों को खोलने की तैयारियां की जा रही हैं। जिले के सभी 1837 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट स्कूलों के हेडमास्टरों, प्रभारी हेडमास्टरों के साथ सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को बिना छात्र-छात्राओं के एक जुलाई से स्कूलों के ताले खोलने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्कूलों के खुलने के बाद सबसे पहले साफ-सफाई कराई जाएगी। साफ-सफाई के बाद विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक होगी। बैठक में अभिभावकों से सहयोग लेकर सभी छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई कराने और होमवर्क देने का अभियान चलाया जाएगा। सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को नए बच्चों के नामांकन पर भी विशेष फोकस करने का निर्देश दिया गया है। प्रत्येक दिन विद्यालय भवन व प्रागंण की साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था कराई जाएगी। स्कूलों में बिना मास्क के किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सभी स्कूलों में स्वच्छता सामाग्री जैसे टॉयलेट क्लीनर, फिनायल, साबुन, चूना, झाड़ू, डस्टिंग क्लाथ, नेलकटर, हैंडवॉश व सैनिटाइजर आदि का नियमित प्रयोग के लिए आवश्यकतानुसार उपलब्ध होना चाहिए। जिले के सभी 10 शिक्षा क्षेत्रों में तैनात बीईओ को नियमित रुप से स्कूलों का औचक निरीक्षण करना अनिवार्य है। बेसिक शिक्षा कार्यालय में तैनात जिला समन्वयकों को स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। निरीक्षण ऑख्या समय से उपलब्ध कराएंगे। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। सभी हेडमास्टरों व प्रभारी हेडमास्टरों को निर्देश दिया गया है कि संबंधित अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करके आपरेशन कायाकल्प के तहत अपने-अपने स्कूलों को 18 पैरामीटर पर चाक-चौबंद कराएंगे। औचक निरीक्षण के दौरान स्कूलों के खोलने व अन्य खामियां पाए जाने पर संबंधित हेडमास्टर व प्रभारी हेडमास्टर के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।