गोरखपुर विश्वविद्यालय में होगी ज्योतिष व कर्मकांड की पढ़ाई

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (गोविवि) में ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और कर्मकांड की पढ़ाई होगी। एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा कोर्स चालू सत्र से ही शुरू किया जाएगा। 22 जुलाई तक विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कोर्स की फीस अभी तय नहीं की गई है, लेकिन विभाग की तरफ से दस हजार रुपये प्रति सेमेस्टर और परीक्षा शुल्क अलग से तय करने की सिफारिश की गई है। स्व वित्तपोषित पाठ्यक्रम के तहत दो सेमेस्टर वाले इस एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए 50 सीटें निर्धारित की गई हैं। 30 आवेदन मिलने पर भी विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम को संचालित करेगा। विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों का ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया है। गेस्ट फैकल्टी के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। पाठ्यक्रम को संचालित करने की जिम्मेदारी संस्कृत विभाग को दी गई है। विभागाध्यक्ष प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने बताया कि इन कोर्सों के अध्ययन और अध्यापन का प्रारूप तैयार हो गया है। पीजी डिप्लोमा के हर सेमेस्टर में पांच प्रश्नपत्र रखे गए हैं। प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को कोर्स पूरा करने के लिए दो सेमेस्टर में 10 प्रश्नपत्र पास करने होंगे। पाठ्यक्रम का स्तर राष्ट्रीय हो, इसके लिए इसे तैयार करने में देश भर के विद्वानों की मदद ली गई है। कोशिश रहेगी कि विश्वविद्यालय से ज्योतिष, वास्तु और कर्मकांड का कोर्स करने के बाद विद्यार्थी के सामने रोजगार का संकट न रहे। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में किसी विश्वविद्यालय में ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और कर्मकांड का कोई कोर्स संचालित नहीं होता है। अभी इनकी पढ़ाई के लिए वाराणसी या इलाहाबाद जाना पड़ता है। विश्वविद्यालय में इसी सत्र से इस विषय का पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया गया है। अभ्यर्थियों के आनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।

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