लखनऊ। पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने शुक्रवार को महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के मुख्यालय का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने संगठन द्वारा महिलाओं की सहूलियत के लिए तैयार कराई गई वेबसाइट का भी लोकार्पण किया। इस वेबसाइट को तीन विशेष सुविधाओं से लैस किया गया है। इसके जरिए कोई भी पीड़ित महिला वीमेन पावर लाइन के अफसरों से जहां सीधे चैट कर सकती है, वहीं ऑनलाइन अपनी शिकायत भी पंजीकरण करा सकती है। इसी प्रकार महिला इस वेबसाइट के माध्यम में अपनी शिकायत के निस्तारण की प्रगति की भी जानकारी कर सकती है। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन पहुंचे डीजीपी ने वीमेन पावर लाइन-100 की कार्यप्रणाली की जानकारी लेने के बाद कॉलटेकिंग, काउंसिलिंग, एफएफआर (फैमिली, फ्रेंड्स व रिलेटिव) काउंसिलिंग व फीडबैक सेक्शन का भी निरीक्षण किया। डीजीपी ने इन सेक्शनों में काम करने वाले कर्मचारियों से बातचीत करके क्रियाप्रणाली को भी समझा। उन्होंने संगठन में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि जब तक किसी पीड़िता की शिकायत का समाधान न हो जाए और वह संतुष्ट न हो जाए तबतक पीड़िता से संवाद बनाए रखा जाए। पुलिस महानिदेशक ने सेफ सिटी परियोजना के अन्तर्गत 1090 सेवा केसंचालन में प्रयोग किए जा रहे आधुनिक तकनीक का भी निरीक्षण किया। उन्होंने साइबर बुलिंग की शिकायतों के निस्तारण के लिए स्थापित किए गए साइबर फोरेंसिक लैब और विभिन्न प्रकार सूचनाओं के विश्लेषण के लिए स्थापित डेटा एनालिसिस सेंटर का भी जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने वीमेन पावर लाइन के कर्मियों की सुविधा के लिए शुरू किए गए बच्चों की देखरेख के लिए क्रैच, योगा क्लास, सप्ताह में दो बार चिकित्सकीय परामर्श एंव मेडिकल कैंप की व्यवस्था को भी देखा। डीजीपी ने वीमेन पावर लाइन द्वारा संचालित घरेलू हिंस से प्रताड़ित महिलाओं के लिए स्थापित ऑनलाइन फैमिली काउंसिलिंग सेव एवं यूनिसेफ के सहयोग से संचालित तृतीय पक्ष मूल्यांकन की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी ली। इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक/ पुलिस महानिदेशक केजीएसओ रवि जोसेफ लोक्कू, अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत, पुलिस उप महानिरीक्षक 1090 रवि शंकर छवि, पुलिस अधीक्षक महिला एंव बाल सुरक्षा संगठन अलंकृता सिंह व राज्य रेडियो अधिकारी राघवेन्द्र द्विवेदी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।