वाराणसी। पहाड़ से निर्मल गंगा के मैदान में उतरने के साथ ही उसके समानांतर वाराणसी तक एक्सप्रेस-वे की योजना अब मूर्त रूप लेने लगी है। हरिद्वार से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे को आगे वाराणसी तक लाने के लिए गंगा किनारे के गांवों को सहारा लिया जाएगा। प्रयागराज से वाराणसी के बीच का प्राथमिक सर्वे पूरा कर लिया गया है। अब अधिग्रहण वाले गांवों के किसानों से सहमति के लिए प्रशासन खुली बैठक करेगा। फिलहाल इसी सप्ताह यूपीडा के अधिकारियों की वाराणसी प्रशासन के साथ समन्वय बैठक के बाद आगे की रूपरेखा तय होगी। गंगा एक्सप्रेस-वे को रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल से जोड़ने के लिए दो विकल्प तैयार किए गए हैं। इसमें चुनार होते हुए रामनगर तक गंगा एक्सप्रेस-वे के समापन के साथ ही दूसरा विकल्प अखरी चौराहे पर एनएच-2 से मिलेगा। दोनों जगहों का सर्वे कराया जा चुका है। प्रयागराज से वाराणसी के बीच नया रूट बनाने की तैयारी है। एक्सप्रेस-वे के लिए नए सिरे से जमीन अधिग्रहित की जाएगी। प्रयागराज से भदोही, मिर्जापुर होते हुए गंगा एक्सप्रेस वे को रामनगर के मल्टी मोडल टर्मिनल तक पहुंचाया जाएगा। इसमें मिर्जापुर के करीब 43 गांव, भदोही और वाराणसी के भी 30-30 गांव शामिल हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे चुनार के बाद वाराणसी में प्रवेश कर सकती है। कछवां होते हुए चुनार के बाद वाराणसी के करीब 33 गांवों से होकर रामनगर तक यह सिक्सलेन सड़क पहुंच सकती है।