गाजीपुर। गंगा ठहर गई है, लेकिन अभी भी इनके फैले दायरे की वजह से सैकड़ों पीड़ित इनकी दुहाई दे रहे हैं। चारों तरफ पानी दिखाई देने से पीड़ितों के सामने सर छिपाने के साथ ही पेट भरने की समस्या खड़ी हो गई है। शासन की तरफ से मिलने वाली सहायता पीड़ितों के लिए नाकाफी है। ऐसे में नगर के बड़ीबाग निवासी समाजसेवी विवेक सिंह शम्मी ने बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर इंसानित का मरहम लगाते हुए उनका पेट भरने के साथ ही उनके उपचार की नेकी का वीणा उठाया है। उनके द्वारा आयोजित शिविर में बाढ़ पीड़ित अपना भूख मिटाने के साथ ही उपचार भी करा रहे हैं। मालूम बाढ़ की वजह से शहर के तमाम इलाकों के साथ ही कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का कहर जारी है। सैकड़ों घर पानी से घिर गए है। इससे इसमें रहने वाले लोग सुरक्षा स्थानों पर परेशानियों के बीच जीवन बीतने को विवश है। पीड़ितों के सामने अपना पेट के साथ ही मवेशियों का पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है। प्रशासन की तरफ से उनको जो सहायता मिल रही है, वह नाकाफी है। ऐसे में उनके सामने समस्या खड़ी हो गई है। उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए समाजसेवी विवेक सिंह शम्मी ने पहल शुरु की है। उन्होंने नगर के रजागंज स्थित बाढ़ ग्रस्त इलाके में निःशुल्क भोजनालय व मेडिकल कैम्प की शुरुआत की है, जिससे कि बाढ़ पीड़ितों को भूखा न सोना और किसी बीमारी की वजह से परेशान न होना पड़े। कैम्प के दूसरे दिन शनिवार को सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों ने भोजन किया। इसके साथ ही तीन डाक्टरों की टीम ने 250 लोगों का चिकित्सकीय परीक्षण कर खुभार, सर्दी, बदन दर्द का दवा का वितरण किया। इस मौके पर समाजसेवी शम्मी सिंह ने कहा कि इस समय जिले में पतित पावनी का कहर जारी है। सैकड़ों लोग बाढ़ की विभिषिका की वजह से बेघर हो गए। उनके सामने पेट भरने के साथ ही अन्य तरह का संकट खड़ा हो गया है। सरकार की तरफ से पीड़ितों को जो मदद मिल रही है, उसे आप ऊंट के मुंह में जीरा कह सकते है। पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए मेरी तरफ से निःशुल्क भोजनालय और चिकित्सा कैम्प का आयोजन किया गया है, जिससे उन्हें राहत मिल सके। कहां कि मैं अपने सहयोगियों के साथ बाढ़ का कहर जारी रहने तक पीड़ितों की सेवा करता रहूंगा।