वाराणसी। देश में डेल्टा वैरिएंट के खतरे को देख अब शासन इससे निपटने की तैयारियों में लग गया है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं अब केजीएमयू के साथ ही बीएचयू में भी डेल्टा सैंपल की जांच होगी। शासन के फैसले के बाद बीएचयू में तैयारियां शुरू हो गई हैं। आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल ने बताया कि कोरोना काल में अब तक जिस तरह से सैंपल की जांच की गई उसी तरह से तीसरी लहर के मद्देनजर भी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। सैंपलों की जांच के साथ ही इलाज संबंधी सभी उपाय किए जा रहे हैं। सभी जरूरी उपकरण भी मंगाए जा रहे हैं। वाराणसी। कोरोना की दूसरी लहर में करीब आधा दर्जन से अधिक म्यूटेंट के पूर्वांचल में होने की जो आशंका बीएचयू के वैज्ञानिकों ने जताई थी, जो कि सही निकली। पूर्वांचल में एक दो नही, बल्कि सात म्यूटेंट होने की रिपोर्ट सामने आई है। इसमें भी डबल म्यूटेंट अधिक प्रभावी है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाला डेल्टा वेरिएंट भी सक्रिय है। बीएचयू के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे और आईएमएस बीएचयू की टीम ने वाराणसी सहित मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली और गाजीपुर से 130 सैंपल लेकर उसे जांच के लिए सीसीएमबी हैदराबाद में भेजा गया था। ताकि पता लगाया जा सके कि न केवल वाराणसी बल्कि आसपास के जिलों में कोरोना की दूसरी लहर में कितने तरह के म्यूटेंट प्रभावी थे। अब हैदराबाद से जांच के बाद जो परिणाम आया है, उसके मुताबिक बनारस समेत आसपास के जिलों में 7 तरीके के म्यूटेंट हैं।