भारत रत्न सीएनआर राव को 24 साल की आयु में ही मिली शोध की उपाधि

वाराणसी। भारत रत्न सीएनआर राव बीएचयू के पुरातन छात्र हैं। देश ही नहीं, विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले सीएनआर राव महज 24 साल की आयु में ही पीएचडी की उपाधि हासिल करने वाले युवा वैज्ञानिकों में एक हैं। बीएचयू विज्ञान संस्थान के छात्र रहे राव को कैंपस में जब भी किसी कार्यक्रम में बुलाए जाने के लिए संपर्क किया जाता है, वह यहां जरूर आते हैं। पिछले साल ही बीएचयू में पुरा छात्र सम्मेलन में शामिल होकर उन्होंने विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाया था। अब भी जरूरत पड़ने पर मार्गदर्शन देते रहते हैं। बंगलूरू के एक कन्नड़ परिवार में 30 जून 1934 को जन्मे सीएनआर राव ने बासवनागुडी में हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद उन्होंने केवल 17 साल की उम्र में ‘मैसूर विश्वविद्यालय’ से बीएससी की डिग्री हासिल कर ली थी। इसके बाद सीएनआर राव ने बीएचयू से एमएससी की पढ़ाई और आईआईटी खडगपुर से पीएचडी की। एमएससी के दौरान उन्हें रसायन विद पलिंग की पुस्तक, नेचर ऑफ दी केमिकल बांड को पहली बार पढ़ने का मौका मिला। जिसके बाद उनके मन में अणुओं के बारे में जानने की गहरी उत्सुकता जगी। एक दो नहीं बल्कि देश और दुनिया के विश्वविद्यालयों से उन्हें दर्जनों मानद उपाधियां मिल चुकी है। पद्मश्री, पद्मविभूषण अवार्ड के बाद 2014 में ही भारत रत्न से नवाजा गया। विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल त्रिपाठी ने बताया कि सीएनआर राव के नाम पर बीएचयू के विज्ञान संस्थान में रोटेशन पर प्रोफेसर चेयर की शुरुआत की गई है।

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