महायोजना में नर्सिंगहोम भूखंड के लिए बढ़ेगा भू-उपयोग

लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर में इलाज के लिए बेड की मारामारी झेलने के बाद अब नए नर्सिंगहोम और अस्पतालों की संख्या बढ़ाए जाने की तैयारी है। अगले 20 साल में कितने नए अस्पतालों की जरूरत होगी, मौजूदा वक्त में अस्पतालों की कमी के संकट को खत्म करने के लिए कितनी जमीन चाहिए। इसका आकलन करने के साथ एलडीए महायोजना में नर्सिंगहोम भू-उपयोग के लिए जमीन का क्षेत्रफल भी बढ़ाने का काम करेगा। इसके लिए नई योजनाओं के अलावा निजी कॉलोनियों और मौजूदा योजनाओं में भी भू-उपयोग परिवर्तन कर नर्सिंगहोम भूखंड विकसित किए जा सकते हैं। बृहस्पतिवार को एलडीए वीसी अभिषेक प्रकाश ने सीएमओ डॉ. संजय भटनागर के अलावा रेडक्रॉस और निजी चिकित्सकों के साथ बैठक की। सचिव पवन गंगवार ने बताया कि महायोजना या विकसित कॉलोनियों से नर्सिंगहोम के भूखंडों की जरूरत पूरी नहीं होती दिख रही है। खुद विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिक संख्या में नर्सिंगहोम या अस्पताल बनाने के लिए जमीन भी चाहिए। अभी तक यह काम नगर नियोजक करते रहे हैं। पर अभी जरूरत यह है कि खुद विशेषज्ञ तय करें कि शहर को नर्सिंग होम भू-उपयोग की कितनी जरूरत होगी? इसके मुताबिक ही भू-उपयोग में बदलाव का फैसला महायोजना में करा लिया जाएगा।

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