लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) में पंजीकृत छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। जो विद्यार्थी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, वे अब अंक सुधार की परीक्षा दे सकते हैं। उन्हें बिना परीक्षा शुल्क दिए एक या अधिक विषयों में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। अंक सुधार की परीक्षा 18 सितंबर से छह अक्टूबर तक कराई जाएगी। इसमें शर्त यह है कि परीक्षार्थियों को मूल्यांकन में मिले अंक ही मान्य होंगे, उनका 31 जुलाई को घोषित रिजल्ट अमान्य हो जाएगा। इसे ऐसे समझें कि जो विद्यार्थी अभी उत्तीर्ण हैं, अंक सुधार परीक्षा में शामिल होने पर जरा सी चूक होने पर वे फेल भी हो सकते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। दोनों कक्षाओं में पंजीकृत छात्र-छात्राओं का बिना इम्तिहान परिणाम तैयार कराया गया। इसके लिए पूर्व में कक्षावार मिले अंकों के तय प्रतिशत से रिजल्ट बनाया गया। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम 31 जुलाई को घोषित हुआ था। उस समय कहा गया था कि जो पंजीकृत विद्यार्थी अंक सुधार की परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें अगली बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा, उनका परीक्षाफल 2021 ही माना जाएगा। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बताया कि अंक सुधार की परीक्षा अब 18 सितंबर से छह अक्टूबर के बीच कराई जाएगी। हाईस्कूल की 12 और इंटर की परीक्षा 15 दिन में कराई जाएगी। परीक्षाएं पूरी तरह से नकलविहीन होंगी, इसके लिए निरीक्षण व पर्यवेक्षण का बोर्ड परीक्षा की तरह इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने बोर्ड सचिव व सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी कर दिया है। असल में बोर्ड ने 16 अगस्त तक क्षेत्रीय कार्यालयों पर परिणाम के संबंध में प्रत्यावेदन लिया था, उसी के आधार पर परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है।