कानपुर। शहर को वायु प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए नगर निगम की 87.41 करोड़ की परियोजना पर आईआईटी ने मुहर लगा दी है। इसके तहत 18 कार्यों का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। एक करोड़ की लागत से 10 चौराहों पर नए फव्वारे लगाने और खराब फव्वारों की मरम्मत के प्रस्ताव को आईआईटी ने खारिज कर दिया है। इसके पीछे संस्थान का तर्क है कि फव्वारे लगाने से वायु प्रदूषण कम होने का कोई प्रमाण नहीं है। नगर निगम ने 15वें वित्त आयोग से मिले धन में से वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए 18 कार्य कराने की रूपरेखा तैयार की थी। इनकी अनुमानित लागत 88. 41 करोड़ रुपये रखी गई। पिछले महीने नगर निगम में महापौर प्रमिला पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन सभी प्रस्तावों की आईआईटी से जांच कराने के निर्देश दिए गए थे, ताकि पता चले कि कौन से प्रस्ताव वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए उपयोगी हैं और कौन अनुपयोगी। आईआईटी ने इनका अध्ययन कर नगर निगम को रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी ने 17 प्रस्ताव को वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए कारगर बताया कि जबकि एक करोड़ की लागत से नए फव्वारे लगाने और मरम्मत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। नगर निगम के अधिशासी अभियंता (प्रोजेक्ट) आरके सिंह ने इसकी पुष्टि की है।