विकास कार्य होने तक नगर निकायों में शामिल गांवों में नहीं लगेगा टैक्स

लखनऊ। पिछले साल नगर निकायों में शामिल किए गए ग्रामीण इलाकों के लोगों से गृह, सीवर व जलकर जैसे टैक्स न लगाने का निर्णय किया है। यही नहीं, इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को टैक्स आदि के लिए किसी भी प्रकार की नोटिस भी नहीं दी जाएगी। हालांकि यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक इन गांवों में नगर निकायों द्वारा पूरी तरह विकास कार्य नहीं हो जाता है। यानी गांवों में शहरी सुविधा देने के बाद ही ग्रामीणों से टैक्स की वसूली की जाएगी। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि कैबिनेट के एजेंडे में इस प्रस्ताव को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने के बाद आम सहमति यह फैसला लिया गया है। अब नगर विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। पिछले साल नौ नगर निगमों के सीमा क्षेत्र का विस्तार किया था। इनमें लखनऊ नगर निगम की सीमा में 88, अयोध्या नगर निगम की सीमा में 41, प्रयागराज नगर निगम की सीमा में सर्वाधिक 207, वाराणसी नगर की सीमा में 78, गोरखपुर में 31 गांवों के अलावा फिरोजाबाद में श्रीराम कालोनी को शामिल किया गया है। इसके अलावा मथुरा-वृदांवन, आगरा, शाहजहांपुर नगर निगमों में कई गांवों को शामिल किया गया है। नगर निगमों के अलावा सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, कोंच, खलीलाबाद, जलालपुर, महराजगंज, बेल्हा, हाथरस, मंझनपुर व सिसवा बाजार नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार के साथ प्रदेश में कुल 56 नई नगर पंचयतें बनाई गई हैं।

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