लखनऊ। कोरोना की तीसरी लहर से तैयारी के लिए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों में बनाए जा रहे पीआईसीयू के लिए मैन पावर निर्धारित कर दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाहकार समिति की सिफारिश के बाद शासन ने निर्देश जारी कर दिया है। 10 बेड के पीआईसीयू पर एक बाल रोग विशेषज्ञ होगा। जबकि उसके सहयोग के लिए छह डॉक्टर कार्यरत रहेंगे। शासन ने 10 बेड के आधार पर मैन पावर का मानक तय किया है। 10 बेड के पीआईसीयू पर एक एमडी अथवा डीसीएस डिग्री धारी बाल रोग विशेषज्ञ मुख्य भूमिका में होगा। हर शिफ्ट में 2 डॉक्टर कार्यरत रहेंगे। इसी तरह एक नर्सिंग सुपरवाइजर और 10 नर्सें तैनात की जाएंगी। एक शिफ्ट में कम से कम तीन नर्सें रहेंगी। इसी तरह छह-छह वार्ड ब्वॉय व सफाईकर्मी रहेंगे। दो फिजियोथैरेपिस्ट व दो ईसीजी-एक्सरे टेकभनीशियन रहेंगे। इसी आधार पर जिन सेंटरों पर पीआईसीयू बेड की संख्या ज्यादा होगी, उसी अनुपात में मैन पावर बढ़ाया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड का पीआईसीयू है तो वहां यह मेन पावर 10 गुना रखी जाएगी। स्वास्थ्य महानिदेशकडॉ डीएस नेगी ने बताया कि मैन पावर का निर्धारण करने के बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मिलकर भर्ती कर रहा है जबकि मेडिकल कॉलेजों के लिए वहां के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी सौंपी गई है।