प्रयागराज। भगवान श्रीराम वन गमन पथ के लिंक मार्गों को जोड़ने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने निर्णय लिया है। इसके तहत अयोध्या से चित्रकूट के बीच राम वन गमन के सभी लिंक मार्गों का कायाकल्प कराया जाएगा। इसके लिए प्रयागराज, अयोध्या और बांदा के पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंताओं को योजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी दी गई है। श्रीराम वन गमन परियोजना का निर्माण तीन चरणों में कराया जाएगा। श्रीराम वनगमन मार्ग की डिजाइन तैयार कर ली गई है। इस परियोजना के तहत अब यूपी के लिंक मार्गों को जोड़ने की योजना है। प्रस्ताव के मुताबिक जिन रास्तों से होकर प्रभु श्रीराम वनवास गए थे और जहां उन्होंने रात्रि विश्राम या प्रवास किया था, उन स्थलों से जुड़े रास्तों को चमकाया जाएगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। प्रयागराज, अयोध्या और बांदा के मुख्य अभियंताओं की संयुक्त टीम इस पर काम कर रही है। लिंक मार्गों को जोड़ने के लिए तैयार कार्ययोजना पर शीर्ष स्तर पर बैठक भी हो चुकी है। अयोध्या से चित्रकूट तक के वनगमन मार्ग का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा। मार्ग निर्माण के साथ ही उन इलाकों को भी इससे जोड़ा जाएगा। एनएच खंड के अफसरों के मुताबिक वनगमन मार्ग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन से जुड़ा है। ऐसे में प्रभु श्रीराम के वन गमन के प्रवास वाले मार्गों का विकास भी उसी तरह कराया जाएगा, ताकि उससे गुजरने वाले श्रद्धालुओं को उसी आध्यात्मिक ऊर्जा का एहसास हो सके। वनगमन परियोजना के लिंक मार्गों में अयोध्या के बाद सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जेठवारा, शृंगवेरपुर धाम, मंझनपुर, राजापुर से होकर चित्रकूट तक के उन स्थलों को शामिल किया जा रहा है, जहां-जहां प्रभु श्रीराम वन गमन के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ ठहरे थे। इन स्थलों को धार्मिक आस्था और सनातनी संस्कृति के केंद्र के रूप में उभारा जाएगा। इब राम वन गमन पथ से जुड़े लिंक मार्गों को जोड़ने के लिए निर्देश दिया गया है। इन लिंक मार्गों में उन स्थानों को चुना जा रहा है, जहां भगवान राम ठहरे थे। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से कार्ययोजना बना ली गई है।