वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम के काम की रफ्तार कोरोना संक्रमण की वजह से थम गई है। धीमी रफ्तार को देखते हुए निर्माण पूर्ण होने की नई डेडलाइन नवंबर तक बढ़ा दी गई है। मई महीने तक 53 फीसदी काम ही हुआ है। कोरोना संक्रमण से श्री काशी विश्वनाथ धाम का काम भी प्रभावित हुआ है। बावजूद इसके गंगा घाट पर जेटी का कार्य पूर्ण हो चुका है और अब फिनिशिंग का काम शुरू होना है। वहीं धाम क्षेत्र की 23 में से 19 इमारतों पर कार्य चल रहा है। इसमें से मंदिर चौक, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, मुमुक्षु भवन और कुछ दुकानों के ढांचे का काम पूर्ण हो चुका है। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अधिशासी अभियंता संजय गोरे ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम का काम अगस्त तक प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना की लहर के कारण अब नई डेडलाइन 15 नवंबर तक प्रस्तावित है। अगर स्थितियां सब कुछ ठीक रहीं तो निर्धारित समय तक काम पूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा मंदिर के मुख्य परिसर में पत्थर लगाने का काम चल रहा है। जून तक मंदिर में पत्थर लगाने काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा ललिता धाम में गंगाघाट की ओर से प्रवेश के लिए द्वार का काम, वीविंग गैलरी, रैंप बिल्डिंग, कैफेटेरिया और ब्लाक शाप का काम प्रस्तावित है। स्वीकृति मिलने के बाद आगे इसका समय सीमा तय की जाएगी। मंदिर परिसर से मां अन्नपूर्णा और माता पार्वती के विग्रह को हटाकर ताड़केश्वर मंदिर परिसर में रखा गया है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान दोनों मंदिरों के गुंबद जर्जर हो गए थे। इनको हटाया नहीं जाता तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता था। इसलिए विग्रह को हटा दिया गया है और उनको वापस उसी स्थान पर मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद स्थापित कराया जाएगा। मंदिर परिसर में गर्भगृह से लगा हुआ बैकुंठ मंदिर, दंडपाणि के साथ तारकेश्वर और रानी भवानी मंदिर रहेगा। इसके अलावा गर्भगृह से लगे बाकी विग्रह को परिसर के पास ही बनाया जाएगा। परिसर में 34 फीट ऊंचाई वाले चार गेट होंगे।