वाराणसी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुदलता त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को राजकीय सम्प्रेषण गृह (किशोर) और राजकीय बाल सुधार गृह (बालक) का वर्चुअल निरीक्षण किया। इस दौरान किशोरों को उनके अधिकार से परिचित कराते हुए समस्याओं को सुना गया। वहीं सचिव ने कहा कि जिन किशोर के पास पैरवी के लिए अधिवक्ता नहीं है, उन्हें नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। किशोर गृह के अधीक्षक मिथिलेश सिंह ने सचिव को जानकारी दी कि वर्तमान में 108 किशोर हैं और कक्षा आठ तक की कक्षाएं शुरू हो गई हैं। बाल गृह का निरीक्षण के दौरान मानसिक रूप से कमजोर बालकों के लिए योग्य नर्स और ट्रेनर नहीं होने पर सचिव ने नाराजगी जताई और अधीक्षक अशोक कुमार को निर्देश दिया कि शासन को इस बाबत पत्र लिखें। बाल गृह में 46 बालकों में 21 बालक मानसिक रूप से कमजोर हैं।