विटामिन डी की कमी से बढ सकता है इन बीमारियों का खतरा,जानें कैसे करें बचाव?

Health News: विटामिन D हड्डियों के साथ साथ पूरे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व होता है। यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण में मदद करता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है।

धूप और भागदौड़ भरी जिंदगी में रहने की वजह से विटामिन डी की कमी तेजी से बढ़ रही है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसे शुरुआत में गंभीरता से नहीं लिया जाता, लेकिन इसका असर शरीर पर धीरे-धीरे गहराता है।

  हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां

विटामिन डी की कमी को नज़रअंदाज करना शरीर के लिए ना सिर्फ नुकसानदायक बल्कि कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं एशियन हॉस्पिटल में एसोसिएट डायरेक्टर एंड हेड ऑर्थोपेडिक्स, डॉक्टर सुनील चौधरी के अनुसार विटामिन डी केवल हड्डियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व होता है। 

पूरे शरीर में विटामिन D की भूमिका?
  • हड्डियों की कमजोरी: विटामिन D की कमी से शरीर में कैल्शियम का अवशोषण कम हो जाता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
  • रिकेट्स: बच्चों में यह बीमारी हड्डियों को टेढ़ा-मेढ़ा कर देती है। यह स्थिति विटामिन D की भारी कमी से होती है।
  • ऑस्टियोमलेशिया: हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी के साथ यह रोग वयस्कों को प्रभावित करता है।
  • शरीर में थकान और दर्द: बिना ज्यादा मेहनत के भी थकान महसूस होना और मांसपेशियों में दर्द विटामिन D की कमी हो सकती है।
  • इम्यून सिस्टम की कमजोरी: विटामिन D की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है, जिसके करण बार-बार सर्दी-जुकाम या अन्य संक्रमण हो सकता हैं।
  • डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर: विटामिन D का संबंध मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा है। इसकी कमी से मूड स्विंग्स, चिंता और डिप्रेशन हो सकता है।
  • हर्ट की बीमारियां: रिसर्च के अनुसार, विटामिन D की कमी हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती है।
  • मधुमेह का खतरा: कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन D की कमी से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है ।
  • बालों का झड़ना: विटामिन D की कमी से बाल झड़ने की एक समस्या हो सकती है
बचाव करने के 3 उपाय
  • 1: आज अधिकांश लोग खुद को धूप से बचाते हैं, जिससे शरीर प्राकृतिक रूप से विटामिन डी नहीं बना पाता। हर व्यक्ति को हफ्ते में कम से कम 3-4 बार 15-20 मिनट की सुबह की धूप लेनी चाहिए। सुबह 7 से 9  बजे के बीच 20-30 मिनट तक धूप में रहना विटामिन D का प्राकृतिक स्रोत है। 
  • 2: पनीर,अंडा, मछली, दूध, दही, चीज, मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों का उचित मात्रा में सेवन करें।
  • 3: यदि डॉक्टरी जांच में कमी पाई जाए, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D का सप्लीमेंट्स लें। साथ ही विटामिन डी की नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए, यह उन लोगो करना चाहिए जो ऑफिस या घर में ही अधिक रहते हैं। समय से इसकी पूर्ति कर ली जाए तो होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *