हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश को देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने वाला मॉडल राज्य बनाया जाएगा। सचिवालय में परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में यह भी तय हुआ है कि लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा और वाहन खरीद में रियायत भी दी जाएगी। इस संबंध में योजना तैयार करने के विभाग को निर्देश दिए गए हैं। वहीं नादौन में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने पर भी बैठक में बात हुई। इसमें वर्कशॉप, गाड़ियों के सामान की दुकानें, ड्राइविंग स्कूल, मेडिकल सेंटर आदि का निर्माण होगा। बैठक की अध्यक्षता परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने की। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण होगा। इलेक्ट्रिक वाहन नीति का कार्यान्वयन होने से लोगों को पुराने वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पेट्रोल पंपों और अन्य स्थानों पर भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। स्वर्ण जयंती परिवहन योजना के तहत प्रदेश में 22 सितंबर से पहले राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी। यह समिति प्रदेश में एंबुलेंस सड़कों को एंबुलेंस परिचालन के लिए पास करने की संस्तुति देगी। प्रदेश में 300 एंबुलेंस सड़कों को यातायात के लिए सुचारु किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बद्दी में 16.35 करोड़ से 32 बीघा भूमि पर निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण केंद्र (ऑटोमैटिक व्हीकल टेस्टिंग केंद्र) विकसित किया जाएगा। वह स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चिह्नित स्थल का दौरा करेंगे। परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में आगामी शनिवार तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव परिवहन जेसी शर्मा, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप, अतिरिक्त आयुक्त घनश्याम चंद उपस्थित थे। परिवहन मंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दुकानों और पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग स्टेशन और चार्जिंग प्वाइंट अधिक से अधिक संख्या में स्थापित किए जाएंगे।