नई दिल्ली। कार, टू व्हीलर या थ्री व्हीलर सहित तमाम इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की बेहतर सुविधा देने के लिए दिल्ली सरकार ने एक और पहल की है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहित करने की इस पहल के तहत मंगलवार को चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए सरकार ने कनवर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल)के साथ मंगलवार को समझौता किया है। इसके तहत दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अपनी भूमि पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना करेगा, जबकि कंपनी के सहयोग से यह सुविधा लोगों को मुहैया होगी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मौजूदगी में डीटीसी के प्रबंध निदेशक विजय कुमार बिधूड़ी, सीईएसएल के अध्यक्ष सौरभ कुमार ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। कनवर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल), एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की एक सहायक कंपनी है। यह भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का एक संयुक्त उद्यम है। इस करार के तहत सीईएसएल के माध्यम से डीटीसी की ओर से आवंटित जगहों पर अपनी लागत और खर्च पर चार्जिंग यूनिट्स और बुनियादी ढांचे के विकास, स्थापना और रखरखाव पर सहमति व्यक्त की है। स्थान के उपयोग के लिए सीईएसएल की ओर से शुल्क के तौर पर एक रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे की दर से डीटीसी को मासिक आधार पर किया जाएगा। अगर आवश्यक स्थान 3 ईसीएस (समतुल्य कार स्थान) से अधिक है तो 2000 रुपये प्रति ईसीएस, प्रति माह का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। शुरुआत में 10 वर्षों के लिए अनुबंध किया गया है। सीईएसएल की ओर से चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए तत्काल शुरुआत की जाएगी। अगले चार महीने में सभी स्टेशनों पर ईसीएस की स्थापना को पूरा करने का लक्ष्य है।