जम्मू-कश्मीर। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने खोनमोह क्षेत्र का दौरा किया। वह डीआरडीओ अस्पताल पहुंचे और मरीजों को प्रदान की जा रही सुविधाओं और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का निरीक्षण किया। चिकित्सकों और कर्मचारियों की कोरोना के समय बेहतरीन सेवाओं के लिए सराहना भी की। इसके बाद वह इंडस्ट्रियल एस्टेट सिडको-1 पहुंचे। वहां डीडीसी और बीडीसी सदस्यों, सरपंचों-पंचों और औद्योगिक संघ खानमोह, स्टोन एसोसिएशन, महिला उद्यमी संघ, एसएचजी सदस्यों सहित विभिन्न औद्योगिक संघों के साथ बातचीत की। डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई औद्योगिक नीति प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र का चेहरा बदल देगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान देश के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर के विकास को एक नए स्तर पर ले जाया गया है, इसका उदाहरण पूर्वोत्तर विकास मॉडल है। यह रेखांकित करते हुए कि सार्वजनिक संस्थानों की जवाबदेही बढ़ाई गई है, मंत्री ने कहा कि शिकायत निवारण तंत्र को मूल रूप से मजबूत किया गया है जिसने बदले में सार्वजनिक संस्थानों को लोगों के प्रति अधिक जवाबदेह, जवाबदेह और पारदर्शी बनाया है। इस बीच डॉ. जितेंद्र सिंह ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, ज़वूरा का भी दौरा किया, जहां उन्होंने उच्च घनत्व और आयातित किस्म के फलों के स्टालों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और प्रगतिशील किसानों के साथ बातचीत भी की। उपाध्यक्ष केवीआईबी डॉ हिना शफी भट, डीसी श्रीनगर मोहम्मद एजाज असद, महानिदेशक बागवानी एजाज अहमद भट, पीआरआई प्रतिनिधि, प्रगतिशील किसान और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे। सभा को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में फलों की उच्च श्रेणी की किस्मों के उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं और क्षेत्र की फल उपज को बड़े प्लेटफार्मों पर प्रदर्शित करने की आवश्यकता है, ताकि बाहर से अधिकतम खरीदार आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि किसानों को इस क्षेत्र में तलाश करनी चाहिए और उन्हें अपनी उपज बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को नियोजित करने की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधान मंत्री के सपने को साकार करने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं, जिसे देश भर के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के कई किसानों ने पहले ही हासिल कर लिया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे जोर दिया कि स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग की आवश्यकता है और यहां बागवानी उत्पादों के उचित विपणन और ब्रांडिंग के लिए सलाहकारों को काम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में कृषि और बागवानी क्षेत्र उद्यमिता के लिए अग्रणी क्षेत्र होगा। इस अवसर पर बोलते हुए महानिदेशक बागवानी ने सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के बारे में जानकारी दी और कहा कि इस केंद्र में सेब और अन्य फलों की नई किस्मों का प्रचार किया जा रहा है। कार्यक्त्रस्म के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रगतिशील किसानों से भी बातचीत की। मंत्री ने किसानों के बीच सब्सिडी चेक और प्रमाण पत्र भी वितरित किए। गौरतलब है कि बाद में मंत्री ने भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे पंथा चौक में ग्रेड सेपरेटर का भी दौरा किया और चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। भारत माला परियोजना को वर्तमान सरकार की प्रतिष्ठित परियोजना बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यकारी एजेंसी के अधिकारियों को कार्यों की प्रक्त्रिस्या में तेजी लाने और निर्धारित समय सीमा के भीतर परियोजना को पूरा करने का निर्देश दिया। इससे पहले दिन के दौरान डॉ. सिंह ने एनएमओ, एनएचएम जम्मू-कश्मीर और सेवा भारती एनजीओ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया। उधर उपराज्यपाल के सलाहकार, बसीर खान ने कहा कि तीन स्तरीय पीआरआई प्रणाली के निर्माण के साथ, वर्तमान सरकार ने जनता और प्रशासन के बीच एक इंटरफेस स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि योजना निर्माण, नीति निर्माण, कार्यों का निष्पादन और अन्य शक्तियां पंचायती राज संस्थाओं को हस्तांतरित कर दी गई हैं और उन्हें सशक्त बनाने के लिए और कदम उठाए जा रहे हैं। सलाहकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू-कश्मीर में प्रत्येक पंचायत में 5 बिस्तरों वाला कोविड-19 केंद्र स्थापित करने की अनूठी पहल कोविड-19 के शमन में वर्तमान प्रशासन की उल्लेखनीय उपलब्धि रही है।