घर में बच्चों के मेंटर बनेंगे अभिभावक

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण सरकारी स्कूलों में नर्सरी से पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई वर्कशीट से हो रही है। इन वर्कशीट का अभिभावकों को बेहतर प्रयोग कर बच्चों को सीखने में मदद करनी होगी। वह बच्चों को बोलने एवं अपना अनुभव साझा करने, जिज्ञासा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करेंगे। इस तरह वह घर में ही बच्चों के मेंटर बनेंगे। शिक्षा निदेशालय ने नर्सरी से पांचवीं तक के अभिभावकों व शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सर्वोदय विद्यालय के स्कूल प्रमुख इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि क्लास टीचर सप्ताह में तीन बार अभिभावकों व छात्रों से बात करें। इस दौरान वह बच्चों का हाल-चाल पूछें और अभिभावकों की वर्कशीट व गतिविधियों को समझने में मदद करें। निदेशालय ने अभिभावकों को दिशा-निर्देशों में कहा है कि वह वर्कशीट में कार्य करने, समझने, चित्र बनाने, गतिविधि करने में बच्चे की सहायता करें। अभिभावकों को घर में बच्चों को सीखने के अवसर देने होंगे और उनके लिए सीखने की प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश करें। बच्चा स्कूल मेें बहुत सी सामग्रियों से खेलता और सीखता है, लेकिन इस कठिन समय में अन्य कई तरीकों से बच्चे की सीखने मेें वे मदद कर सकते हैं। कोरोना काल में बच्चों की सीखने की क्षमता प्रभावित ना हो इसके लिए अभिभावकों को अपनेे अनुभव बच्चों के साथ साझा करने होंगे और उन्हें उनके अनुभव सुनाने का मौका देना होगा। बच्चों के प्रश्नों के उत्तर दें और उनकी जिज्ञासा को प्रोत्साहित करें। अन्य दिशा-निर्देश:- बच्चों को घर में सहायता करने के अवसर प्रदान करें इससे आत्मनिर्भरता और जिम्मेदारी की भावना आएगी, नर्सरी व केजी में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को बच्चों को लिखित कार्य मोमी रंगों से करवाएं। इनसे ही अक्षरों की बनावट का अभ्यास करवाएं। बच्चों को अक्षरों, शब्दों की पहली आवाज का भरपूर अभ्यास करवाएं, नंबर सिखाने के लिए पैंसिंल, रबर, रंग, किताबें, खिलौने, कटोरिया गिनवाएं। पेंसिंल की सहायता से कम-ज्यादा और घर की वस्तुओं से छोटा-बड़े का अभ्यास करवाएं।

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