नई दिल्ली। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के चलते मानसून पैटर्न में बदलाव हो रहा है। अब सिर्फ 24 घंटे में 100 मिमी तक बारिश हो रही है। पहले इतनी बारिश 10 से 15 दिन में होती थी। ऐसी बारिश से ग्राउंडवॉटर रिचार्ज नहीं होता और निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति हो जाती है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में 1 जून से मानसून शुरू होता है। बरसात के पूरे सीजन में यहां औसतन 649.8 मिमी बारिश होती है। बात 1 जून से 10 सितंबर तक की करें तो औसतन 586.4 मिमी बारिश होती है। इस बार यह आंकड़ा 10 सितंबर को 1005.3 पर पहुंच गया। इससे पहले यहां 2003 में 1005 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। दिल्ली में 13 जुलाई को मानसून की एंट्री हुई। यह 19 साल की सबसे देरी से पहुंचा। इसके बावजूद यहां 16 दिन बारिश हुई, जो चार साल में सबसे ज्यादा है। अगस्त में सिर्फ 10 दिन बारिश हुई जो सात साल में सबसे कम है। वहीं, सितंबर में अब तक 248.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि आमतौर पर दिल्ली में सितंबर में 129.8 मिमी बारिश होती है।