हिमाचल प्रदेश। जलशक्ति विभाग ने करीब ढाई साल पहले नियुक्त 35 पंप ऑपरेटरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। विभाग ने यह कार्रवाई प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की संशोधित मेरिट लिस्ट और प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले के बाद की है। विभाग ने इन सभी पंप ऑपरेटरों को नौकरी से निकालने से पूर्व 15 दिन का नोटिस देने का निर्णय भी लिया है। पंप ऑपरेटर प्रदेश सरकार की तीन साल के सेवाकाल के बाद नियमितीकरण की शर्त को पूरा करने जा रहे थे, लेकिन इससे पूर्व विभाग ने इन्हें जोर का झटका दे दिया। प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने अक्तूबर 2016 में जलशक्ति विभाग में जूनियर टेक्नीशियन और पंप ऑपरेटर के 250 पदों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। आवेदन आने के बाद आयोग ने 9 जून 2017 को प्रदेशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर लिखित परीक्षा का आयोजन किया। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों के लिए आयोग ने पंद्रह अंकों की मूल्यांकन परीक्षा ली और जुलाई 2018 में चयनित 187 अभ्यर्थियों की सूची सहित परीक्षा परिणाम घोषित किया। जबकि कोर्ट केस के चलते 62 पद खाली रखे और दो पदों के लिए कोई भी योग्य अभ्यर्थी नहीं मिला। इन चयनित 187 अभ्यर्थियों को जलशक्ति विभाग ने प्रदेशभर के विभिन्न अधीक्षण अभियंता सर्कल के तहत नियुक्तियां प्रदान कर दी थीं, जिन्हें नौकरी करते हुए करीब ढाई वर्ष हो रहे हैं। लेकिन इसी साल प्रदेश उच्च न्यायालय से याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय आया। इस फैसले के बाद चयन आयोग ने 22 जुलाई 2021 को दोबारा से परीक्षा परिणाम संशोधित किया और 248 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया। इसमें 152 अभ्यर्थी पुराने चयनित हुए जबकि पूर्व में चयनित 35 अभ्यर्थी मेरिट सूची से बाहर हो गए। अब संशोधित मेरिट सूची विभाग के पास पहुंचने और सरकार से परामर्श के बाद जलशक्ति विभाग ने उन्हें बर्खास्त करते हुए उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है। उधर, जलशक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ नवीन पुरी ने बताया कि न्यायालय के फैसले के बाद चयन आयोग ने मेरिट सूची में संशोधन किया है। जिसके चलते 35 पंप ऑपरेटरों को अयोग्य करार दिया है।