नई दिल्ली। आज पापा होते तो मुझे टीम इंडिया में देखकर बहुत खुश होते। वह चाहते थे कि उनका कोई बच्चा भारतीय क्रिकेट टीम से खेला। भाई तो जिम्मेदारियों के बोझ के चलते खेल नहीं पाया पर मुझे यहां तक पहुंचाने में मां का पूरा साथ दिया। मां और भाई के त्याग और अपनी कड़ी मेहनत से मैंने भारतीय महिला टीम में जगह बनाकर पापा का सपना तो पूरा कर दिया। अब टीम इंडिया की जर्सी में मैदान पर उतरकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर उनकी आखिरी तमन्ना पूरी करना चाहती हूं। वह जहां भी होंगे यह सब देखकर बहुत खुश होंगे। ऑस्ट्रेलिया में अगर मुझे मौका मिलता है तो मैं अपना सौ फीसद दूंगी। यह कहना है पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाली रेणुका सिंह ठाकुर का।