जम्मू-कश्मीर। पिछले तीन वर्षों में दो करोड़ लोगों ने केंद्र प्रायोजित आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाया है। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों और एम्स की स्थापना से मौजूदा स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती हासिल होगी। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को यहां कही। वह केंद्र सरकार के जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत योजनाओं पर जनता का नजरिया जानने के लिए यहा आए हुए हैं। मंडाविया ने एक स्वस्थ राष्ट्र के लिए मौजूदा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के उन्नयन की आवश्यक बताते हुए आज कहा कि नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य और राष्ट्र का विकास साथ-साथ चलता है। स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली कैसी है इसके संकेतक सामाजिक-आर्थिक विकास के मानकों के उन्नयन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इस संबंध में कुछ नए उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का हवाला देते हुए कहा कि यह योजना हर साल 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करती है। महंगी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण लोगों को आय का एक बड़ा हिस्सा इस पर खर्च करना पड़ता है और यह गरीबी का एक बड़ा कारण है। आयुष्मान भारत की शुरुआत स्वास्थ्य क्षेत्र में एक विकासवादी कदम था और लोगों की आकांक्षाओं के आधार पर हर साल स्वास्थ्य क्षेत्र में बजटीय आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की जा रही है।