नई दिल्ली। नई आबकारी नीति लागू होने की कवायद दिल्ली सरकार ने तेज कर दी है। 17 नवंबर से नई नीति के तहत शराब की बिक्री की जाएगी तो वहीं एक अक्टूबर से दिल्ली में निजी शराब केंद्र को बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि पुरानी नीति के तहत बिक्री की जा रही शराब के दुकानों को धीरे-धीरे वाइंड अप किया जाएगा। एक अक्टूबर से निजी शराब की दुकानों पर शराब की बिक्री को बंद कर दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया है कि नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटकर लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब दिल्ली में आगामी 17 नवंबर से नई आबकारी नीति के तहत दुकानें खोली जाएंगी। एक अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच सिर्फ सरकारी दुकानों पर शराब की बिक्री होगी। निजी दुकानों के बंद करने के फैसले और शराब बिक्री केंद्र पर शराब की किल्लत पर सिसोदिया ने कहा कि यह ट्रांजिशन पीरियड होगा। ऐसे में सरकारी दुकानों पर बिक्री होने से दिक्कत नहीं आएगी। दिल्ली में 260 से अधिक दुकानों का लाइसेंस निजी हाथों में है। सभी 32 जोन में लाइसेंस के आवंटन के बाद सरकार ने निजी शराब की दुकानों का लाइसेंस 30 सितंबर तक ही बढ़ाने का निर्देश दिया था। इससे साफ जाहिर है कि एक अक्तूबर से इस तरह की दुकानें बंद कर दी जाएंगी और इनकी जगह नई आबकारी नीति के तहत जारी लाइसेंसधारी 17 नवंबर से नई आबकारी नीतियों के तहत दुकानें खोलेंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने साझा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीतियों की वजह से 2016 के बाद दिल्ली में शराब की एक भी नई दुकान नहीं खुली। दिल्ली में कई वार्ड ऐसे थे जहां 10 से ज्यादा शराब की दुकानें थीं जबकि कई वार्डों में एक भी दुकाने नहीं थी। उनका बराबर का वितरण किया जाएगा, ताकि दुकान नहीं होने की वजह से जहां-जहां भी शराब माफिया काम कर रहा है, उसके सारे दरवाजे बंद हो जाएं। जिन वार्डस में दुकानें नहीं थी वहां शराब माफिया अवैध तरीके से शराब का व्यवसाय करते थे। दिल्ली में करीब 850 वैध और 2000 अवैध शराब की दुकानें थीं।