पंजाब। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में कैबिनेट की पहली बैठक के दौरान गरीबों के हित में विभिन्न प्रयासों को निर्धारित समय में लागू करने पर विचार-विमर्श किया गया। इन प्रयासों की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर से की जाएगी। मंत्रिमंडल ने शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग को आदेश दिया कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के लिए 32,000 घरों का निर्माण तुरंत प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। यह घर लाभार्थियों को वाजिब किश्तों पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। कैबिनेट में यह भी विचार किया कि ठेकेदारी सिस्टम को खत्म करने के लिए जमीन मालिकों को अपनी जमीन में से मुफ्त रेत निकालने की अनुमति दी जाएगी। इस प्रणाली से कोई भी जमीन मालिक अपनी जमीन में से रेत निकाल सकेगा, जिससे उपभोक्ताओं को वाजिब कीमतों पर रेत मुहैया हो सकेगी। बैठक में अनुसूचित जातियों /गरीबी रेखा से नीचे के घरेलू खपतकारों के लिए मुफ्त बिजली के यूनिट 200 से बढ़ाकर 300 यूनिट करने पर भी विचार किया। मंत्रिमंडल ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (बिजली) को अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाने को कहा ताकि गरीब और जरूरतमंदों को राहत दी जा सके। मंत्रिमंडल द्वारा ग्रामीण जल सप्लाई स्कीमों के अधीन चल रहे ट्यूबवेलों के बकाया बिजली बिलों को माफ करने पर विचार-विमर्श किया और ग्रामीण इलाकों में पानी की मुफ्त सप्लाई करने का फैसला भी किया गया। कैबिनेट ने पांच मरले के प्लॉट अलॉट करने की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। इन मामलों का फैसला करने का अधिकार पंचायत समितियों को दे दिया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की तरफ से एक विशेष मुहिम चलाई जाएगी, जिससे योग्य लाभार्थियों की पहचान करके दो महीने के भीतर प्लॉटों की अलॉटमेंट को अंतिम रूप दिया जा सके। यह भी फैसला किया गया कि पंजाब अनुसूचित जाति भू विकास और वित्त निगम (पीएससीएफसी) की तरफ से कब्जाधारकों को वाजिब कीमतों पर जमीन अलॉट करने के लिए नीति तैयार की जाएगी।