नई दिल्ली। महामारी के पहले से ही दबाव मेें चल रहे वाहन और दूरसंचार क्षेत्र के लिए सरकार के फैसले संजीवनी का काम करेंगे। पीएलआई योजना से वाहन क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, जिससे विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही दूरसंचार क्षेत्र को बकाया चुकाने के लिए ज्यादा समय और कम ब्याज जैसी छूट और 100 फीसदी ऑटोमेटिक एफडीआई को मंजूरी से विदेशी निवेशकों का भी भरोसा बढ़ेगा। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि वाहन और दूरसंचार दोनों ही क्षेत्र कई साल से दबाव में चल रहे थे। वाहन क्षेत्र का विनिर्माण क्षेत्र में करीब 35 फीसदी योगदान है। लिहाजा इस क्षेत्र को तेजी देने के लिए बड़ी योजना की दरकार थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है। कंपनियों को 26 हजार करोड़ की पीएलआई योजना का लाभ उठाने के लिए 2022-23 से अगले पांच साल में बड़े निवेश करने होंगे। इसके लिए हर कार निर्माता कंपनियों को 20 अरब रुपये, तो वाहन उपकरण निर्माता कंपनियों को 2.5 अरब रुपये का निवेश अगले पांच साल में करना होगा। इसके अलावा दोपहिया वाहन कंपनियां भी 1,000 करोड़ रुपये लगाएंगी, जबकि 80 करोड़ से ज्यादा निवेश करने वाली ड्रोन कंपनियों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा। योजना से वाहन क्षेत्र में कुल 42,500 करोड़ और ड्रोन क्षेत्र में पांच हजार करोड़ का निवेश आने की संभावना है। इससे उत्पादन में 2.30 लाख करोड़ का इजाफा होगा।