उत्तराखंड। अंतरिक्ष में आज की रात ऐसी अनोखी घटनाएं एक साथ घटित होने जा रही हैं, जिनका संयोग सैकड़ों वर्षों में भी नहीं बन पाता है। एक ही रात में खतरनाक श्रेणी का एक बहुत विशाल एस्टेरॉइड पृथ्वी की कक्षा में चांद से भी कम दूरी पर आ धमकेगा। सितंबर में आम प्रचलन से हटकर अपने चरम पर उल्कापात होगा और नव अर्द्धचंद्र के सबसे ज्यादा पास पहुंचकर शुक्र ग्रह अपनी सर्वाधिक चमक भी बिखेरेगा। इन तीनों घटनाओं का एक साथ घटित होना आज की रात को दुर्लभ ही नहीं बल्कि दुर्लभतम बना देगा। ऐसी अनोखी रात फिर न जाने आए न आए। सबसे पहले चर्चा एस्टेरोइड की। एस्टेरोइड यदा कदा पृथ्वी के निकट आते रहते हैं लेकिन ये निकटता भी आमतौर पर पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी से दस गुनी तक या इससे ज्यादा ही होती है। कभी सुना है कि कोई एस्टेरोइड चंद्रमा जितनी दूरी तक भी आया हो? लेकिन आज की रात 2010 आरजे 53 नाम का कुतुबमीनार से दस गुना बड़ा 774 मीटर आकार का बहुत विशाल क्षुद्रग्रह 68400 किमी प्रति घंटे की विलक्षण गति से सफर करता हुआ पृथ्वी से मात्र 3 लाख 66 हजार किमी की दूरी पर अर्थात 3 लाख 84 हजार किमी दूर स्थित चंद्रमा से भी कम दूरी तक पृथ्वी के निकट आ जाएगा। जहां खगोलीय दूरियां चंद्र इकाई, सौर इकाई या प्रकाश वर्ष जैसी बहुत बड़ी इकाइयों में मापी जाती हैं वहां यह दूरी इतनी कम है कि एक तरह से यह एस्टेरोइड धरती को बस चूम कर निकल जाएगा। इसकी बेहद तेज गति, विशाल आकार और पृथ्वी से अत्यधिक निकटता के चलते अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसे खतरनाक की श्रेणी में रखा है।