पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि प्रभु की जीव पर करुणा-प्रभु श्री राम विभीषण शरणागति से पहले यह बात सबके सामने कहते हैं कि- करोड़ों जन्म का पापी व्यक्ति भी अगर मेरे सन्मुख हो जाये, मेरी तरफ मुड़ जाये तो मैं उसके समस्त पापों को तत्काल मिटा देता हूं। जैसे हिमालय की गुफा में करोड़ों वर्षों से अंधकार छाया है, आप जलती हुई मशाल अंदर लेकर जाओ, तो अंधकार दावा पेश करेगा कि- मैं करोड़ों वर्षों से रह रहा हूं नहीं निकलूंगा। प्रकाश का प्रवेश, अंधकार निकल कर भाग जाता है। इसी तरह हमारे हृदय रूपी इस गुफा में अरबों जन्मों के जो पाप जमा हैं वो तब तक जमा रहेंगे जब तक हम प्रभु के सन्मुख नहीं होते। अभी हम ईश्वर से विमुख हैं। ईश्वर जीव को देख रहा है और जीव जगत को देख रहा है। पीछे से राम, आगे जीव को देख रहे हैं और जीव आगे जगत को देखता है। प्रभु कहते हैं कि जैसे मैं तुझे देख रहा हूं, इसी तरह तू संसार से मुड़ के मुझको देखना शुरु कर दे। तेरे करोड़ों-करोड़ों जन्म के पाप मैं समाप्त कर दूंगा। सनमुख होइ जीव मोहि जबही। जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं। सभी हरि भक्तों के लिये पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम,श्री गोवर्धन धाम कालोनी,दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।