नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को संगीत सीखने के लिए किसी सेंटर में नहीं जाना होगा। संगीत की कक्षा बस के माध्यम से स्कूलों तक पहुंचेगी। सरकार ने भारत के पहले मोबाइल म्यूजिक क्लासरुम और रिकॉर्डिंग स्टूडियो के रूप में एक मोबाइल म्यूजिक बस की शुरुआत की है। यह बस बच्चों के बीच जाकर उनकी कला के जुनून को खोजेगी। बच्चों के जुनून को आगे बढ़ाने का काम स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस(एसओएसई) में किया जाएगा। इस बस को मंजिल मिस्टिक और एसबीआई कार्ड के सहयोग से शुरू किया गया है। उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को इस मोबाइल म्यूजिक बस की शुरुआत की। इस अवसर पर सिसोदिया ने कहा कि बच्चों को म्यूजिक सीखने के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि म्यूजिक खुद उनके पास पहुंचेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के जुनून को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्स्सलेंस की शुरुआत की है। स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स डोमेन ये सुनिश्चित करेगा कि कलाकारों की पढ़ाई ही उनकी पढ़ाई है। अब तक केवल साइंस को ही स्पेशलाइज्ड एजुकेशन का विषय माना जाता था लेकिन स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एजुकेशन इस धारणा को बदलेगा। जहाँ बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में स्पेशलाइज्ड शिक्षा दी जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत एक बस को चलते फिरते म्यूजिक क्लास व म्यूजिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो और परफॉर्मिंग स्टेज में तब्दील किया गया है। ये मोबाइल म्यूजिक बस दिल्ली में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निम्न आय वर्ग के 5000 बच्चों तक पहुंचेगी। इन बच्चों को विशेषज्ञ नियमित रूप से वर्कशॉप व अन्य गतिविधि का आयोजन करेंगे। जिससे बच्चों को म्यूजिक के जरिए सीखने में मदद मिलेगी।