नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में एक साल के इंतजार के बाद आयोजित हुआ पैरालंपिक खेल भारत के लिए कई मायनों में यादगार बन गया। भारत ने इस बार अपना अभी तक का सबसे बड़ा दल भेजा था। इस बार देश से 9 विभिन्न खेलों में रिकॉर्ड 54 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। 13 दिन तक चले पैरा खेलों के महाकुंभ में भारत ने पांच स्वर्ण पदक समेत कुल 19 पदक जीते। यही नहीं भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो में कई उपलब्धियां और कीर्तिमान भी बनाए। भारत ने अभी तक का अपना सर्वश्रेठ प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 19 पदक जीते जो उसके पैरालंपिक खेलों के इतिहास में सर्वाधिक है। पदक तालिका में भारत 24वें स्थान पर रहा। यह भारत का किसी भी पैरालंपिक खेलों में अब तक की बेस्ट रैंक है। इस बार भारतीय खिलाड़ी सुमित अंतिल ने भाला फेंक में नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जबकि निशानेबाजी में अवनि लेखरा ने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। भारतीय एथलीट्स ने दो नए पैरालंपिक रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। भारत को पहली बार पैरा निशानेबाजी में दो स्वर्ण पदक मिले। इसमें अवनि लेखरा और मनीष नरवाल मेडलिस्ट रहे। भारत को पहली बार पैरा टेबल टेनिस में रजत पदक मिला। सोनम पटेल ने यह कमाल किया और रजत पदक अपने नाम किया। भारत को पहली बार पैरा तीरंदाजी में पदक मिला। हरविंदर सिंह ने यहां कांस्य पदक पर कब्जा किया। पहली बार भारत को पैरा बैडमिंटन में दो गोल्ड मिले। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने यह कमाल किया और स्वर्ण पदक जीते। निशानेबाज अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों के एक सत्र में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने यहां स्वर्ण और कांस्य पदक जीते।