लखनऊ। मनरेगा के जरिये महिला सशक्तिकरण के लिए पांच लाख महिला श्रमिकों का श्रम विभाग की श्रम कल्याण योजना के लिए पंजीकरण कराया जाएगा। वहीं एक लाख महिलाओं के घर या खेत में व्यक्तिगत लाभ योजना के तहत कार्य कराए जाएंगे। ग्राम्य विकास विभाग ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस लक्ष्य को पूरा करने की तैयारी की है। मनरेगा में सौ दिन काम करने वाले श्रमिकों का श्रम कल्याण योजना में पंजीकरण कराया जाता है। योजना में पंजीकरण होने के बाद महिला श्रमिकों को योजना के तहत बेटी के विवाह पर अनुदान, चिकित्सा सहायता, निधन पर मुआवजा सहित अनेक योजनाओं का लाभ मिलता है। ग्राम्य विकास विभाग दिसंबर से पहले मनरेगा में कार्यरत महिला श्रमिकों में से पांच लाख श्रमिकों से सौ दिन का रोजगार कराकर उनका पंजीकरण कराने की तैयारी की है। यह मनरेगा में अब तक का सबसे बड़ी संख्या होगी। साथ ही इससे पांच लाख ग्रामीण परिवारों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। वहीं एक लाख महिलाओं को व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के तहत मनरेगा से कोई ना कोई स्थायी संपत्ति देनी को योजना है। इसमें महिलाओं की पसंद पर उनके घर या खेत में पशु शेड का निर्माण, पोल्ट्री शेड, खेत तालाब की खुदाई, खेत की मेड बंदी, खेत में पौधरोपण, जैविक खाद उत्पादन जैसे कार्य कराए जाएंगे ताकि उनकी आय में वृद्धि हो। मनरेगा के अपर आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि नवंबर तक एक लाख महिलाओं को मनरेगा से स्थायी संपत्ति देने की योजना है।