पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्री खेड़ापति बालाजी दरबार बोराड़ा की पावन भूमि पर श्रीराम कथा का अष्टम दिवस-अरण्यकांड (नवधा-भक्ति), किष्किंधाकांड (श्रीरामभक्त श्रीहनुमान जी महाराज और प्रभु श्री राम का मिलन, बाली का उद्धार, सुग्रीव का राज्याभिषेक, भगवती श्रीसीता जी की खोज प्रारम्भ) एवं सुंदरकांड की कथा का गान किया गया। कल की कथा में श्रीराम राज्याभिषेक के साथ उत्तरकांड पर्यंत कथा होगी। सत्संग के अमृत बिंदु-मन-मन को मजबूत बनाने वाली एकमात्र औषधि मंत्रजप है। मन पर झूठा विश्वास करने वाला ही फंस जाता है। मन लोभी मन लालची मन चंचल मन चोर। मन के मते न चालीए पलक पलक में और मन की गति है अटपटी झटपट लखै न कोय। जो मन की खटपट मीठे चटपट दर्शन होय। मन के हारे हार है मन के जीते जीत, मनहि मिलावे राम सों मनही करे फजीत। घर के मारे वन गये वन तजि बस्ती माहिं। कह कबीर मन लालची यह कहुँ अटकत नाहिं। मन ही माया है, शास्त्रों में लिखा है मन माया का पुत्र है, इसे जीतना तो आसान नहीं है, लेकिन सत्य, सदाचार और प्रभु में लगाये रखना आसान और आनंद है। मन जब अति शुद्ध होता है, तभी प्रभु मिलन की तीव्र इच्छा पैदा होती है। मन बड़ा होगा तो ही परिवार एवं जीवन में शांति रह सकेगी। मन को जीतने वाला ही जगत विजेता बन सकता है। मन को शक्ति से नहीं प्रेम से समझाकर वश में रखो। मन को वासना रहित बनाने पर ही शांति मिल सकती है। चंचल मन को संकीर्तन द्वारा स्थिर बनाओ, मन प्रभु में रखो तन सेवा में रखो। पश्चाताप के आंसू से मन का मैल धुलता है। शरणागति- प्रभु पदार्थ से नहीं, प्रसन्नता से प्रसन्न होते हैं। सदैव प्रसन्न रहो, हर परिस्थिति में प्रसन्न रहो। जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, जो होगा अच्छा होगा यही भक्ति का सिद्धांत है। जीना अगर सीखना है, तो श्रीकृष्ण की बांसुरी से सीख लो। लाख सीने में जख्म हो गुनगुनाना सीख लो।। भगवान का नाम एवं संतों की वाणी गुनगुनाते रहो। वंदन में ह्रदय के भाव जाग्रत हों, तो ही वह सार्थक बनता है। प्रभु को पूछकर ही सब कार्यों का निर्णय करो। प्रभु हृदय में विराजमान हैं जिसे हम आत्मा की आवाज कहते हैं वही परमात्मा की आवाज है। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम,श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश)श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।