मेट्रो के ट्रैक को बदलने में अब सुरक्षा की नहीं होगी फिक्र

नई दिल्ली। मेट्रो की ब्लू और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन की 10 साल पुरानी 260 पॉइंट मशीनों को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने दोनों लाइनों पर पुरानी या 10 लाख से अधिक पुरानी प्वाइंट मशीनों की ओवरहॉलिंग के लिए नई तकनीक को अपनाया है। इसके लिए जर्मनी से इसके लिए विशेष तौर पर डिजाइन किए गए कंटेनर मंगवाए गए हैं, जिनका दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा। इससे यात्रियों को मेट्रो में सुरक्षित सफर का मौका मिलने के साथ ही नई मशीनों की तुलना में करीब 80 फीसदी की बचत होगी। मेट्रो ट्रेनों के ट्रैक बदलने में पॉइंट मशीनों की अहम भूमिका है। सुरक्षित परिचालन के लिए जरूरी अधिकतर मशीनें 10 साल से अधिक पुरानी या 10 लाख से अधिक बार इस्तेमाल की गई प्वाइंट मशीनों की ओवरहॉलिंग की जाएगी। ब्लू लाइन के यमुना बैंक डिपो में छह महीनों में मशीनों की ओवरहॉलिंग की जाएगी। कंटेनर आधारित ओवरहालिंग पद्धति से लाखों की बचत के साथ साथ प्रदर्शन और विश्वसनीयता में भी बढ़ोतरी होगी। इन मशीनों को दोबारा 10 वर्षों तक इस्तेमाल संभव होगा। मशीनों को रात में यात्री सेवाओं के बंद होने पर इस कंटेनर लैब में ले जाया जाएगा। प्वाइंट मशीन के ओवरहालिंग के बाद मेट्रो परिचालन में दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा। खास बात यह है कि इसके लिए जर्मनी के विशेषज्ञ डीएमआरसी इंजीनियरों को प्रशिक्षण भी देंगे ताकि भविष्य में डीएमआरसी के इंजीनियरों खुद ओवरहॉलिंग कार्य को पूरा कर सकें। इससे बचत के साथ साथ आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी। सभी पॉइंट मशीनों के ओवरहॉलिंग कार्य को मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। प्वाइंट मशीन का ओवरहालिंग कार्य मार्च 2022 तक अस्थायी रूप से पूरा करने के बाद कंटेनर व दूसरे उपकरण व मशीनें जर्मनी भेज दी जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *