पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, रामायण सुरतरु की छाया। दुःख भये दूर निकट जो आया।। कई लोग कहते हैं श्री राम कथा में क्या है? भगवान् श्रीराम का प्राकट्य श्रीधाम अयोध्या में हुआ। वे चार भाई थे। चारों भाइयों का विवाह श्रीधाम जनकपुर में हुआ। राज्याभिषेक होने वाला था, लेकिन महारानी कैकेई ने वरदान मांग लिया, भगवान् श्रीराम श्रीसीताजी एवं लक्ष्मण के साथ वन चले गये। रावण ने भगवती सीता का हरण किया, भगवान ने रावण का संहार करके श्री सीता जी के साथ अयोध्या धाम पधारे। राम राज्याभिषेक की स्थापना हुई, यही तो रामायण है। महात्मा लोग कहते हैं 2 मिनट में कही जाने वाली कथा श्री राम कथा नहीं है, श्री राम कथा तो हमारा आपका जीवन है। मनुष्य का अपना जीवन, समाज, राष्ट्र और विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान रामायण में है। आपके जीवन में कोई भी समस्या हो आप श्री राम कथा का श्रवण करें आपकी समस्या का समाधान स्वतः मिल जायेगा। श्री रामायण में हर समस्या का समाधान है। संशय से समाधान की यात्रा का नाम ही श्री राम कथा है। जीवन के हर प्रश्न का उत्तर रामायण में है। आपके मन में कोई प्रश्न हो, आप किसी साधु संत से उसका समाधान पूछ लें अच्छी बात है, अगर ऐसा संयोग नहीं बनता तो श्री राम कथा श्रद्धा से सुनिये। हर प्रश्न का उत्तर श्री रामायण जी से, श्री राम कथा से स्वतः प्राप्त हो जायेगा। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी वापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)