नई दिल्ली। सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर भारतीय रेलवे ने तेजी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोविड-19 के प्रभाव और महाराष्ट्र सरकार के भूमि अधिग्रहण के मसले को लेकर प्रोजेक्ट काम पहले ही सुस्त पड़ा हुआ है। इस बीच रेलवे ने काम में तेजी के लिए नई तकनीकों का सहारा लेने जा रहा है। रेलवे ने 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर पुलों के निर्माण के लिए एक खास इंतजाम किया है। रेलवे की ओर से एक विशालकाय मशीन को लॉन्च किया गया है। यह मशीन इस रेल कॉरिडोर पर तेजी से पुलों को बनाने का काम करेगी। यह मशीन दूसरी मशीनों की अपेक्षा में तेजी से काम करेगी। जिससे मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बनने वाले पुलों का निर्माण जल्दी हो सकेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की प्रमुख कंपनीनियों में से एक लार्सन एंड टुब्रो ने इस मशीन को तैयार किया है। हाल ही में इसकी लॉन्चिंग की गई है। इसकी मदद से रेलवे के रूट को कम समय में बेहतर तरीके से बनाया जा सकेगा। रेलवे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए 2024 तक का लक्ष्य रखा है। मंत्रालय ने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को सात हाई स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर के लिए सर्वेक्षण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम सौंपा है, जिसमें चेन्नई-बैंगलोर-मैसूर और मुंबई शामिल हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर कुल लागत 1.08 लाख करोड़ है।