नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बताया कि वयस्कों के लिए बायोलॉजिकल ई के टीके के तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है। हमें परिणामों का इंतजार करना चाहिए, हमें उम्मीद है कि ये अगले एक या दो महीनों में आ जाएंगे। हैदराबाद स्थित इस फार्मा कंपनी ने साल के अंत तक बड़ी मात्रा में टीके की खुराकें उपलब्ध कराएंगे। भारत के औषधि नियामक डीसीजीआई ने बुधवार को हैदराबाद की फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई को इसके कोरोना वायरस रोधी टीके के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण आयोजित करने की अनुमति दे दी थी। जानकारी के अनुसार यह स्वदेशी टीका निश्चित स्थितियों के साथ पांच साल से 18 साल से बीच की आयु के लोगों के लिए है। ये परीक्षण देश में 10 स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे। डीसीजीआई ने यह अनुमति विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के आधार पर दी है। उल्लेखनीय है कि अभी तक जायडस कैडिला के स्वदेशी सुई रहित टीके को आपात इस्तेमाल की अनुमति मिली है।12 से 18 साल के बीच के लोगों को दिया जाने वाला यह देश का पहला टीका है। इस बीच देश की दूसरी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी सितंबर के अंत तक बाजार में आ सकती है। जायडस कैडिला की जायकोव-डी वैक्सीन दुनिया की पहली प्लाज्मिड डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन है और यह एक मात्र वैक्सीन है, जिसे भारत ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए मंजूरी दी गई है।