पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्री राम कथा की महिमा हमें निज धर्म पर चलना बताती रोज रामायण। सदा शुभ आचरण करना सिखाती रोज रामायण। हम रामायण के लिए नौ दिन लगाते हैं और रामायण जी हमें नवजीवन देते हैं। आज हम आप अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पाते हैं, इसके दो कारण हो सकते हैं या तो हमने गतिशीलता खो दी है या तो किस दिशा में गति करना है उसका बोध ही नहीं है। अगर जीवन की दिशा सही नहीं है तो हम लक्ष्य की प्राप्ति कभी नहीं कर सकेंगे। श्रीरामकथा हमारे आपके जीवन को गतिशील बनाने वाली है और जीवन का सही मार्गदर्शन करने वाली है। श्री राम कथा हमें अपने कर्तव्य का बोध कराती है और कर्तव्य के लिए प्रेरित करती है। सफल जीवन के लिये कर्तव्य पालन और ईश्वर की उपासना दोनों आवश्यक है। आज के समय में लोग अपने कर्तव्य का ध्यान नहीं रखते हैं और ईश्वर की उपासना के प्रति भी प्रमाद करते हैं। ऐसे में श्री राम कथा श्रवण एक औषधि के समान है, धीरे-धीरे हमें कर्तव्य की तरफ प्रेरित करना और हरि उपासना की तरफ प्रेरित करना, ये दोनों कार्य श्री राम कथा से अपने आप हो जाता है। रामायण सुरतरु की छाया। दुःख भये दूर निकट जो आया।। नाम,रूप,लीला,धाम सच्चिदानंद विग्रहम्। भगवान् का नाम, भगवान् का स्वरूप, भगवान् की कथा एवं भगवान् का धाम, ये चारों एक ही है, इसमें रंचमात्र भी अंतर नहीं है। इन चारों में से एक का भी आश्रय ले लेने से, ईश्वर की पूरी आराधना उपासना हो जाती है। भगवान स्वयं कल्पवृक्ष हैं, भगवान का धाम भी कल्पवृक्ष है, भगवान की कथा भी कल्पवृक्ष है और भगवान का नाम भी कल्पवृक्ष है। नाम राम को कल्पतरु कलि कल्यान निवास। जो सुमिरत भायो भांगते तुलसी तुलसीदास। श्रीरामकथा हमारे समस्त सद् मनोरथों को पूर्ण करती है। श्रीरामकथा से हमारे सारे अशुभ शुभ में परिवर्तित हो जाते हैं। श्री राम कथा श्रवण करने से सर्व विधि मंगल होता है।श्रीरामकथा हमें जीना सिखाती है। सीताराम सीताराम सीताराम कहिए। जाही विधि रहे राम ताही विधि रहिए। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।