नई दिल्ली। केरल के श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गई एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस याचिका में शीर्ष अदालत की ओर से पिछले साल जारी किए गए 25 साल के विशेष ऑडिट को रद्द करने की मांग की गई थी। इस ट्रस्ट का संचालन त्रावणकोर शाही परिवार की ओर से किया जाता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह विशेष ऑडिट जितनी जल्दी हो सके पूरा होना चाहिए, बेहतर हो कि अगर तीन महीने में पूरा हो जाए। न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम की रिपोर्ट पर पहले ही मंदिर और इसकी संपत्तियों का विशेष ऑडिट कराने का निर्देश दिया था। यह ऑडिट पूर्व सीएजी विनोद राय द्वारा किए जाने को कहा गया था। सुब्रमण्यम को इस मामले में 24 अप्रैल 2014 को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में वित्त वर्ष 1989-90 से 2012-14 तक ऑडिट कराने का सुझाव दिया था। बता दें कि केरल में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की प्रशासनिक समिति ने इस मंदिर न्यास के विशेष ऑडिट का अनुरोध करते हुए सर्वोच्च न्यायालय से 17 सितंबर को कहा था कि बीते कुछ समय से मंदिर बहुत कठिनाई भरे समय से जूझ रहा है और मंदिर में चढ़ाया जाने वाला दान इसके खर्चों को ही पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके बाद पांच मई 2015 के आदेश में ट्रस्ट की ओर से पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पी दातार की दलीलें दर्ज की गई थीं। उन्होंने कहा था कि ऑडिट रिपोर्ट की जांच करने और नए सिरे से ऑडिट करने में विनोद राय के साथ सहयोग करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। पीठ ने कहा, इस निर्देश को न्याय मित्र की 15 अप्रैल 2014 की रिपोर्ट और दातार की दलीलों के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। पीठ में न्यायाधीश एस रवींद्र भट्ट और बेला एम त्रिवेदी भी शामिल थे।