830 मीटर पहुंचा टिहरी झील का जलस्तर…
उत्तराखंड। टिहरी बांध की झील का जलस्तर आरएल 830 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अधिकारी उत्साहित हैं। टीएचडीसी के अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने से अब हर साल करीब 1.5 करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन बांध से होगा। हर दिन 50 से लेकर 60 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। झील में लगभग 10 करोड़ क्यूबिक मीटर अतिरिक्त पानी भी स्टोर कर सकेंगे और पेयजल और सिंचाई के साथ ही हरिद्वार, प्रयाग कुंभ क्षेत्र में विभिन्न पर्वों पर होने वाले स्नान आदि के लिए भी पानी काम आ सकेगा। शुक्रवार को झील का अधिकतम जलस्तर प्राप्त होने पर टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक (ईडी) यूके सक्सेना ने परियोजना अधिकारियों के साथ व्यू प्वाइंट से झील का निरीक्षण किया। अपनी स्थापना के 16 वर्ष बाद टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(टीएचडीसी) ने बड़ी उपलब्ध हासिल की है। 2005 अक्टूबर माह से झील से बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। उस वक्त झील का जलस्तर आरएल 825 मीटर तक था। वर्ष 2013-14 में जलस्तर आरएल 828 तक बढ़ाने की अनुमति मिली। अब बीते 25 अगस्त को शासन से टीएचडीसी को बांध का जलस्तर आरएल 830 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति मिली है। यह टीएचडीसी और ऊर्जा क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। अब टिहरी बांध से निर्बाध रूप से क्षमता के अनुसार अधिकतम बिजली उत्पादन हो सकेगा। टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना ने बताया कि आरएल 825 मीटर के जलस्तर से टिहरी और कोटेश्वर बांध से 2 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन प्रति वर्ष हो रहा था, जो अब बढ़कर 33 से 35 मिलियन यूनिट तक पहुंच जाएगा। बताया कि टिहरी बांध पूरी तरह से सुरक्षित है। इस मौके पर महाप्रबंधक एसएस पंवार, सीपी सिंह, त्रिलोक सिंह नेगी, आरआर सेमवाल, एसके राय, एजीएम वीके सिंह, राजीव गोविल, एमके सिंह, संदीप अग्रवाल, संदीप भटनागर, दीपक कुमार और मनवीर सिंह नेगी भी मौजूद रहे।