Earth bound firing: चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग करने के बाद भारत ने दुनियाभर इतिहास रच दिया है। इसके बाद अब इसरो सूर्य पर भी अपना दमखम बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। आपको बता दें इसरो द्वारा मिशन सूर्य आदित्य एल1 को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। जिसके बाद अब आदित्य एल1 अपनी पहली कक्षा में बदलाव करने वाली है। सूर्य मिशन भी चंद्रयान-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और फिर यह तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।
पांच बार की जाएगी अर्थ बाउंड फायरिंग
इसरो ने बताया कि आदित्य एल1 ने पावर जेनरेट करना शुरू कर दिया है। अर्थ बाउंड मैनुवर्स की मदद से यह फायरिंग की जाएगी। इससे आदित्य एल1 अपनी कक्षा बदलकर अगली कक्षा में प्रवेश करेगा। आदित्य एल1 पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा। इस दौरान पांच बार इसकी कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी।
7 पपेलोड के साथ भेजा गया आदित्य एल1
110 दिन की यात्रा के बाद आदित्य एल1 लैग्रेजियन-1 पॉइंट पर पहुंचेगा। लैग्रेंजियन-1 पॉइंट पहुंचने के बाद आदित्य एल1 में एक और मैनुवर किया जाएगा, जिसकी मदद से आदित्य एल1 को एल1 पॉइंट के हॉलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। जहां से आदित्य एल1 सूरज का अध्ययन करेगा। यह लैग्रेंजियन पॉइंट सूरज की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। आदित्य एल1 के साथ सात पेलोड भेजे गए हैं, जो सूरज का विस्तृत अध्ययन करेंगे। इनमें से चार पेलोड सूरज की रोशनी का अध्ययन करेंगे। वहीं बाकी तीन सूरज के प्लाजमा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।