नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में नए सत्र (2022-23) से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के जरिये दाखिला मिलेगा। वहीं जेएनयू प्रशासन ने बुधवार को हुई अकादमिक परिषद की बैठक में यह फैसला लिया। बता दें कि उधर विश्वविद्यालय के नए फैसले का शिक्षक संगठनों और छात्र संगठनों ने विरोध किया है। इस दौरान दाखिला निदेशक जयंत के त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय के सदस्यों ने नए निर्णय का समर्थन किया है। जेएनयू के मुताबिक अकादमिक परिषद में विचार-विमर्श के दौरान स्कूलों के डीन, केंद्र अध्यक्षों और परिषद के बाहरी सदस्यों सहित बड़ी संख्या में सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि सीयूईटी देश भर के योग्य छात्रों को एक समान अवसर प्रदान करेगा। इससे उन पर कई विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा का बोझ कम होगा। जेएनयू की ओर से कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने पिछले वर्ष मार्च में हुई अपनी अकादमिक परिषद की बैठक में यह फैसला किया था कि जब भी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) सीयूईटी आयोजित करेगी तब विश्वविद्यालय इसमें भाग लेगा। 2019 के बाद से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एनटीए के माध्यम से कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में अपने विभिन्न कार्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए देश के विभिन्न केंद्रों पर प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहा है। गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसे लेकर भी कई छात्र संगठनों और शिक्षकों ने विरोध प्रकट किया था।