नई दिल्ली। विमानन कंपनी एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंपने से पहले सरकार उसके ईंधन बिल और आपूर्तिकर्ताओं का करीब 16,000 करोड़ रुपये बकाया चुकाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार यह राशि एक विशेष उद्देश्यीय इकाई में हस्तांतरित करेगी। विमानन कंपनी की भूमि और भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्तियां संभालने वाली एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के खाते में विमानन कंपनी का 75 फीसदी कर्ज भी आएगा, जिसकी जिम्मेदारी टाटा समूह नहीं ले रहा है। निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि कर्ज के अलावा एआईएएचएल पर अतिरिक्त देनदारी भी आएगी। इनमें तेल कंपनियों, एयरपोर्ट परिचालकों और वेंडर्स का बकाया शामिल है। इसलिए टाटा समूह को सौंपने से पहले सरकार बाकी चार महीने (सितंबर-दिसंबर) एयर इंडिया के बहीखातों पर काम करेगी। बची देनदारियों को एआईएएचएल को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। एयर इंडिया पर 31 अगस्त तक कुल 61,562 करोड़ बकाया था। टाटा संस 15,300 करोड़ की जिम्मेदारी लेगी और बाकी 46,262 करोड़ एआईएएचएल को हस्तांतरित किया जाएगा। विमानन कंपनी की गैर-प्रमुख संपत्तियां भी एआईएएचएल को हस्तांतरित की जाएगी, जिसकी कीमत 14,718 करोड़ रुपये बताई गई है।