लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान खुलेगा। इसमें एम्स और एसजीपीजीआई की तर्ज पर आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार किए जाएंगे। आयुर्वेद के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध किए जा सकेंगे। इस संस्थान को वाराणसी में खोलने की तैयारी है। यह उत्तर प्रदेश का पहला संस्थान होगा।
प्रदेश में एलोपैथ विधा में एसजीपीजीआई, केजीएमयू एवं एम्स हैं, लेकिन आयुर्वेद के सिर्फ मेडिकल कॉलेज हैं। ऐसे में आयुर्वेद विधा में विभिन्न अंगों के हिसाब से एकीकृत विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं कम मिल पाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए अब प्रदेश में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) की स्थापना करने की तैयारी है। आयुर्वेद विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। इसे वाराणसी में खोलने का प्रस्ताव है।
यदि किसी कारणवश वारासणी में जमीन नहीं मिल पाती है तो आसपास के अन्य जिलों में जमीन तलाशी जाएगी। संस्थान में करीब 500 बेड का आयुर्वेद अस्पताल होगा। इसमें मरीजों की जांच के लिए आयुर्वेद लैब और इलाज की व्यवस्था होगी। विभागवार अनुसंधान केंद्र भी होंगे। आयुर्वेद के सभी विषयों में परास्नातक (एमडी- एमएस) कोर्स में शिक्षण एवं अध्यापक कार्य हो सकेगा। आयुर्वेद निदेशक प्रो पीसी सक्सेना ने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके बाद विभिन्न विभाग मिलकर इसके निर्माण की पुख्ता कार्ययोजना तैयार करेंगे।
क्या होगा फायदा?
इस संस्थान के खुलने से आयुर्वेद विधा को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञता वाले कोर्स शुरू किए जा सकेंगे। मर्ज को दूर करने के लिए नई-नई दवाओं की खोज होगी। शोध के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की आयुर्वेद से जुड़ी परियोजनाओं भी आ सकेंगी। इससे आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेंगी। आयुर्वेदिक दवा के बाजार के साथ यहां तैयार होने वाले कच्चे उत्पाद की मांग बढ़ेगी।
अंतर राष्ट्रीय स्तर का बनाने का प्रयास :-
आयुष एवं एफएसडीए मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. दयाशंकर मिश्र दयालु के नेतृत्व में एक टीम नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का निरीक्षण कर चुकी है। वहां की व्यवस्थाओं, सुविधाओं और संचालन की पूरी नियमावली के बारे में जानकारी ली गई है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर सहित देश एवं विदेश में चल रहे आयुर्वेद के अन्य विशेषज्ञता वाले संस्थानों से भी वहां की व्यवस्थाओं की रिपोर्ट मंगाई गई है। वहां चलने वाले कोर्स, शोध, उपचार की व्यवस्था, संस्थान चलाने की नियमावली आदि का अध्ययन करने के बाद प्रदेश में खुलने वाले संस्थान की नई नियमावली बनेगी। मालूम हो कि राजस्थान, नई दिल्ली के अलावा, गोवा, पंचकुला, में भी इस तरह के संस्थान खोले गए हैं।