अस्थमा रोगी करें ये योगासन, सांस की समस्या होगी दूर

योग। होली का त्योहार जल्‍द आने वाला है। कई लोगों को रंग से सांस की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को अस्थमा की शिकायत है, होली खेलने से उनकी परेशानी और बढ़ सकती है। इसके अलावा प्रदूषण के कारण भी सांस की शिकायत या अस्थमा में दिक्कत हो सकती है। अस्थमा, श्वसन संबंधित एक गंभीर और क्रोनिक बीमारी है। जिन लोगों को अस्थमा होता है, उन्हें सांस फूलने, सांस लेने में तकलीफ और दम घुटने की समस्या हो सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञो के अनुसार, अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन कई उपायों को अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। योगासनों का नियमित अभ्यास कई तरह की गंभीर बीमारियों के लक्षण को कम कर सकता है। कुछ योग अस्थमा मरीजों की समस्या को कम करते हैं।

सुखासन:-
अस्थमा मरीजों के लिए सुखासन एक आसान आसन है। इस आसन का अभ्यास सुबह करना बहुत फायदेमंद होता है। सुखासन करने के लिए पेट खाली होना जरूरी नहीं होता है। जब तक आप आराम से बैठ सकते हैं, तब तक इस योग को किया जा सकता है। सुखासन करते समय सांसों पर ध्यान केंद्रित करना होता है, जो स्ट्रेस को काबू में करता है और दिमाग को आराम दिलाता है। इस आसन के अभ्यास से शांति और एकाग्रता का अहसास होता है।

सेतु बंधासन:-
सेतु बंधासन में शरीर को एक पुल का आकार दिया जाता है। इस आसन को सुबह खाली पेट किया जाना चाहिए। इसका अभ्यास 30 से 60 सेकंड तक कर सकते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए सेतुबंधासन फायदेमंद योगासन है। इस आसन को करने से सीने और फेफड़े खुलते हैं और शरीर बैलेंस बना रहता है। सांस लेने की क्षमता में सुधार करने में इस योग को काफी लाभदायक माना जाता है।

पवनमुक्तासन:-
अस्थमा के रोगी पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास करके भी श्वसन संबंधित समस्या से राहत पा सकते हैं। पवनमुक्तासन में पीठ के बल लेटकर दाहिने पैर के घुटने को मोड़ते हुए छाती पर लगाया जाता है और दोनों हाथों की उंगलियों को मिलाते हुए घुटने से थोड़ा नीचे होल्ड करते हैं। पैरों से छाती पर दबाव पड़ने पर धीरे-धीरे सांस को अंदर बाहर छोड़ा जाता है।

 

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